उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों की सिंचाई समस्याओं को दूर करने और डीजल-बिजली के बढ़ते खर्च से राहत देने के लिए 60 फीसदी सब्सिडी पर सोलर पंप उपलब्ध कराने की घोषणा की है। इस लेख में आप जानेंगे कि योजना के तहत मिलने वाले लाभ क्या हैं, आवेदन कैसे करना है, किन किसानों को प्राथमिकता मिलेगी, और किन नियमों का पालन अनिवार्य है। यह लेख पूरी तरह इसी नई सोलर पंप स्कीम की महत्वपूर्ण जानकारी पर आधारित है, जिसे किसानों की सुविधा को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है।
यूपी सरकार दे रही है किसानों को राहत, 40,521 सोलर पंप होंगे वितरित
उत्तर प्रदेश में पानी की कमी और सिंचाई लागत लंबे समय से किसानों के सामने बड़ी चुनौती रही है। ऐसे में राज्य सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए घोषणा की है कि PM-KUSUM योजना के तहत 40,521 सोलर पंप 60 फीसदी सब्सिडी पर उपलब्ध कराए जाएंगे। किसानों को केवल कुल कीमत का थोड़ा-सा हिस्सा देना होगा और बाकी पूरा खर्च सरकार वहन करेगी। यह योजना उन किसानों के लिए उम्मीद की नई किरण है जिन्हें सिंचाई के लिए पानी की परेशानी झेलनी पड़ती है और बिजली या डीजल के खर्च के कारण खेती महंगी पड़ रही है।
‘पहले आओ–पहले पाओ’ आधार पर मिलेगा लाभ
कृषि विभाग ने स्पष्ट किया है कि सोलर पंप का आवंटन पहले आओ–पहले पाओ के आधार पर होगा, इसलिए किसानों को समय पर आवेदन करना जरूरी है। हर जिले के लिए पंपों की निश्चित संख्या तय की गई है, जिससे सभी क्षेत्रों के किसानों को बराबर अवसर मिल सके। आवेदन पंजीकरण के समय किसानों को 5000 रुपये टोकन मनी के रूप में जमा करने होंगे, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि केवल वास्तविक और जरूरतमंद किसान ही योजना का लाभ उठाएं। सही दस्तावेज होने पर आवेदन को तुरंत प्राथमिकता दी जाएगी।
किसानों को मिलेंगे बड़े लाभ, खेती होगी आसान और सस्ती
इस योजना का सबसे बड़ा फायदा यह है कि सोलर पंप लगने के बाद किसानों को बिजली बिल या डीजल में एक रुपये भी खर्च नहीं करना पड़ेगा। सिंचाई समय पर हो सकेगी और उत्पादन में सुधार होगा। सौर ऊर्जा से चलने वाले ये पंप पर्यावरण-अनुकूल हैं और गांवों में स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देंगे। किसान अपनी जरूरत के अनुसार 2 HP से लेकर 10 HP तक के पंप चुन सकेंगे। पहले से सोलर पंप का उपयोग कर रहे किसान मानते हैं कि इससे खेती का बोझ काफी कम हो गया है और पानी की समस्या लगभग समाप्त हो जाती है।
सरकार का लक्ष्य खेती को आधुनिक और टिकाऊ बनाना
राज्य सरकार का उद्देश्य किसानों की आय बढ़ाना और खेती को आधुनिक तकनीक से जोड़ना है। बिजली की समस्या और डीजल की बढ़ती कीमतों को देखते हुए सोलर पंप एक स्थायी समाधान साबित हो सकते हैं। कृषि विभाग जल्द ही पंजीकरण लिंक जारी करेगा और इस बार आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह आसान और पारदर्शी रखी जाएगी। किसान 15 दिसंबर तक आवेदन कर सकेंगे, इसलिए विलंब किए बिना आवेदन करना ही लाभदायक रहेगा।
आवेदन कैसे करें और किन बातों का ध्यान रखें
किसान आवेदन आधिकारिक वेबसाइट www.agriculture.up.gov.in पर जाकर कर सकते हैं। सबसे पहले ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन पूरा करना होगा, फिर पहचान और जमीन से जुड़े दस्तावेज अपलोड करने होंगे। 5000 रुपये टोकन शुल्क जमा होते ही आवेदन मान्य माना जाएगा। विभाग की टीम खेत पर जाकर जांच करेगी और मंजूरी मिलने पर सोलर पंप लगाने की प्रक्रिया शुरू होगी।
कृषि विभाग ने यह भी निर्देश दिए हैं कि 2 HP पंप के लिए 4 इंच, 3 व 5 HP के लिए 6 इंच और 7.5 व 10 HP पंप के लिए 8 इंच की बोरिंग अनिवार्य है। यदि खेत में यह बोरिंग तैयार नहीं मिली, तो टोकन मनी जब्त कर ली जाएगी और आवेदन रद्द कर दिया जाएगा।







