Government Subsidy Schemes for Farmers India 2025: किसान भाइयों, राम-राम! आज का यह लेख मेरे चैनल पर अब तक के सभी वीडियोज़ में से सबसे खास है, क्योंकि इसमें हम आपको ऐसी 10 सरकारी योजनाओं के बारे में बताएंगे जो किसानों, एफपीओ (Farmer Producer Organization), एसएचजी (Self Help Groups) और कोऑपरेटिव्स के लिए सोने पर सुहागा हैं। इनमें कुछ स्कीम 2% से 4% तक ब्याज दर पर लोन देती हैं, कुछ में 50% से 75% तक प्रोजेक्ट कॉस्ट की सब्सिडी है, और कुछ तो 100% फ्री हैं।
इस लेख को अंत तक पढ़िए, क्योंकि इसमें हर स्कीम के मुख्य उद्देश्य, सब्सिडी रेट, लाभार्थी पात्रता और उपयोग की जानकारी दी गई है, जिससे आपको बार-बार वीडियो देखने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
1️⃣ पीएम-FME स्कीम – छोटे फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स के लिए वरदान
प्रधानमंत्री फॉर्मलाइजेशन ऑफ माइक्रो फूड प्रोसेसिंग एंटरप्राइजेज (PM-FME) स्कीम का उद्देश्य है छोटे और असंगठित फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स को औपचारिक बनाना और उन्हें आधुनिक सुविधाएँ प्रदान करना।

इस स्कीम के तहत सरकार 35% सब्सिडी देती है, किसान को 10% स्वयं निवेश करना होता है और 55% बैंक फाइनेंस उपलब्ध कराता है। अधिकतम प्रोजेक्ट कॉस्ट ₹10 लाख तक हो सकती है। एफपीओ, एसएचजी, कोऑपरेटिव्स और फूड प्रोसेसिंग स्टार्टअप्स इसके लाभार्थी हैं।
अगर क्लस्टर बेस्ड कॉमन फैसिलिटी बनाई जाती है, तो सब्सिडी 50% तक बढ़ जाती है।
2️⃣ ऑपरेशन ग्रीन्स – किसानों को फसल के सही दाम की गारंटी
इस योजना का लक्ष्य है किसानों की आय स्थिर रखना और उपभोक्ताओं को उचित दाम पर सब्ज़ियाँ-फल उपलब्ध कराना। इसके तहत दो तरह से सहायता दी जाती है —
- शॉर्ट टर्म: जब बाजार में दाम गिर जाएं, तो स्टोरेज और ट्रांसपोर्ट पर 50% सब्सिडी।
- लॉन्ग टर्म: वैल्यू चेन डेवलपमेंट जैसे कोल्ड स्टोरेज, पैक हाउस, प्रोसेसिंग यूनिट्स पर 50% तक निवेश सब्सिडी।
इस स्कीम के तहत ₹50 करोड़ तक की सहायता संभव है। एफपीओ, कोऑपरेटिव्स, स्टार्टअप्स और एनजीओ इसके पात्र हैं।
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3️⃣ मिशन फॉर इंटीग्रेटेड डेवलपमेंट ऑफ हॉर्टिकल्चर (MIDH)
यह स्कीम किसानों को बागवानी में आत्मनिर्भर बनाने के लिए है। इसके अंतर्गत नर्सरी, पॉली हाउस, ग्रीन हाउस, कोल्ड स्टोरेज जैसी सुविधाओं पर 40% से 50% तक सब्सिडी दी जाती है।
नॉर्थ ईस्ट और पहाड़ी राज्यों के लिए सब्सिडी दर और भी अधिक है। साथ ही बी-कीपिंग, मशरूम, और ऑर्गेनिक फार्मिंग पर भी अलग-अलग सहायता मिलती है।
Farmers of Delhi will receive the additional financial assistance of Rs. 3,000/- per year in equal instalments of Rs. 1,000/- each under the PM Kisan Samman Nidhi State Top Scheme of the Government of Delhi.
— Government Schemes of India Updates (@gvtschemesindia) October 31, 2025
Read the scheme details here :- https://t.co/eMb7VQrNbr pic.twitter.com/PhaN6Qpo9B
4️⃣ एनबीएचएम – नेशनल बी कीपिंग एंड हनी मिशन
यह स्कीम मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने के लिए है। लाभार्थियों को 40% से 75% तक सब्सिडी मिलती है, जो कि उनके कार्य के प्रकार पर निर्भर करती है।
लोन पर कोई फिक्स्ड लिमिट नहीं है और एफपीओ, एसएचजी, बी-कीपर्स, स्टार्टअप्स सभी इसके लिए पात्र हैं।
5️⃣ एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड (AIF)
इस योजना का उद्देश्य है कृषि क्षेत्र में मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करना। इसके तहत किसान को 2 करोड़ रुपये तक का लोन 3% ब्याज छूट के साथ 7 साल के लिए मिलता है।
यह लोन बिना कोलैटरल होता है और CGTMSE गारंटी के तहत सुरक्षित है। इसमें कोल्ड स्टोरेज, वेयरहाउस, प्रोसेसिंग यूनिट्स, ई-मार्केटिंग, और स्मार्ट फार्मिंग जैसी परियोजनाएं शामिल हैं।
6️⃣ एनिमल हसबेंडरी इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड (AHIDF)
यह स्कीम डेयरी सेक्टर के लिए बनाई गई है। किसानों और उद्यमियों को 2 करोड़ रुपये तक का गारंटी-फ्री लोन दिया जाता है।
इस पर 3% ब्याज छूट 8 साल तक मिलती है। इस फंड से मिल्क प्रोसेसिंग, चिलिंग यूनिट्स, और फीड इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा मिलता है।
7️⃣ सब-मिशन ऑन एग्रीकल्चरल मैकेनाइजेशन (SMAM)
किसानों को आधुनिक कृषि यंत्र सस्ते में दिलाने के लिए यह स्कीम शुरू की गई है। इसमें सामान्य किसानों को 40% और एससी-एसटी, महिला व छोटे किसानों को 50% सब्सिडी दी जाती है।
ड्रोन, ट्रैक्टर, पावर टिलर, और अन्य उपकरणों पर यह लाभ लागू है। साथ ही, प्रशिक्षण और डेमोंस्ट्रेशन पूरी तरह 100% फ्री है।
8️⃣ इंटरेस्ट सबवेंशन स्कीम (ISS)
यह स्कीम किसानों को सस्ता क्रॉप लोन दिलाने के लिए है। किसानों को 3 लाख रुपये तक का ऋण केवल 7% ब्याज दर पर मिलता है।
अगर समय पर लोन चुकाया जाए तो 3% ब्याज छूट मिलती है, यानी वास्तविक ब्याज दर मात्र 4% रह जाती है। यह सुविधा KCC कार्डधारक किसानों के लिए है।
9️⃣ नेशनल फ़ूड सिक्योरिटी मिशन (NFSM)
इस योजना का उद्देश्य देश में अनाज उत्पादन बढ़ाना है। इसके तहत किसानों को सीड, फर्टिलाइज़र, पंप सेट, वाटर डिवाइस आदि पर 40% से 50% तक सब्सिडी दी जाती है।
कैपेसिटी बिल्डिंग और प्रशिक्षण पर 100% तक की छूट मिलती है। इस स्कीम का लाभ एफपीओ, कोऑपरेटिव्स और कृषि संस्थान उठा सकते हैं।
🔟 डेयरी प्रोसेसिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड (DIDF)
यह योजना डेयरी सेक्टर के लिए है। इसके तहत मिल्क यूनियंस और डेयरी फेडरेशन को 6.5% ब्याज दर पर 10 साल तक का लोन मिलता है।
इसका उद्देश्य है डेयरी प्रोसेसिंग, वैल्यू एडेड प्रोडक्ट्स जैसे घी, चीज़, योगर्ट आदि के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर बनाना।
🌱 निष्कर्ष: किसानों के लिए सुनहरा अवसर
अगर आप किसान, एफपीओ, या कृषि उद्यमी हैं, तो 2025 की ये सभी स्कीम आपके लिए कमाल का अवसर हैं। इन योजनाओं से न सिर्फ खर्च कम होगा, बल्कि उत्पादन और आय में भी बड़ा इजाफा होगा।
सरकारी सहायता का लाभ उठाइए और खेती को एक सफल बिजनेस में बदलिए। अपने नज़दीकी कृषि विभाग या बैंक शाखा में संपर्क करके आवेदन करें और अपने सपनों को साकार करें।
क्या आप चाहेंगे कि मैं इनमें से किसी एक स्कीम (जैसे PM-FME या AIF) पर डिटेल में पूरा “स्टेप-बाय-स्टेप गाइड” वीडियो या लेख बनाऊँ?
अगर हाँ, तो बताइए कि किस स्कीम का पूरा विश्लेषण सबसे पहले चाहिए।











