PM Kisan 12,000 रुपये का सच: क्या सच में दोगुनी होगी किसानों की मदद?, आया साफ जवाब

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PM Kisan 12,000 रुपये का सच: क्या सच में दोगुनी होगी किसानों की मदद?, आया साफ जवाब

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना को लेकर देशभर के किसानों के मन में चल रही सबसे बड़ी चर्चा पर अब स्थिति पूरी तरह स्पष्ट हो गई है। क्या PM Kisan के तहत मिलने वाली सालाना राशि 6,000 रुपये से बढ़कर 12,000 रुपये होने वाली है? इस लेख में हम आपको बताएंगे कि संसद में सरकार ने इस मुद्दे पर क्या जवाब दिया, अभी किसानों को कितनी राशि मिलेगी, भविष्य में क्या उम्मीद की जा सकती है और किसानों को किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है।

संसद में उठा PM Kisan राशि बढ़ाने का सवाल

हाल ही में संसद में यह सवाल जोर-शोर से उठा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत किसानों को दी जाने वाली सालाना आर्थिक सहायता को दोगुना किया जाएगा या नहीं। कई सांसदों ने बढ़ती महंगाई, खाद-बीज और खेती की लागत को देखते हुए इस राशि को 6,000 रुपये से बढ़ाकर 12,000 रुपये करने की मांग रखी।

यह सवाल इसलिए भी अहम था क्योंकि करोड़ों छोटे और सीमांत किसान इस योजना पर निर्भर हैं और हर किस्त उनके लिए बड़ी राहत लेकर आती है।

सरकार का साफ जवाब: अभी कोई बढ़ोतरी मंजूर नहीं

सरकार ने संसद में अपने जवाब में पूरी तरह स्पष्ट कर दिया कि फिलहाल PM Kisan की सालाना राशि को 12,000 रुपये करने का कोई स्वीकृत प्रस्ताव नहीं है। यानी योजना की मौजूदा संरचना में कोई बदलाव नहीं किया गया है और किसानों को अभी भी पहले की तरह ही लाभ मिलता रहेगा।

यह जवाब उन किसानों के लिए निराशाजनक जरूर है, जो बढ़ी हुई सहायता की उम्मीद लगाए बैठे थे, लेकिन साथ ही यह स्थिति को लेकर किसी भी तरह की अफवाह पर विराम भी लगाता है।

अभी कैसे मिलती है PM Kisan की राशि

वर्तमान में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत पात्र किसानों को सालाना 6,000 रुपये की सहायता दी जाती है। यह राशि सीधे किसानों के बैंक खाते में तीन बराबर किस्तों में भेजी जाती है। हर किस्त 2,000 रुपये की होती है, जिससे किसानों को खेती के अलग-अलग चरणों में आर्थिक सहारा मिलता है।

इस योजना का उद्देश्य छोटे और सीमांत किसानों को न्यूनतम आय सहायता प्रदान करना है ताकि वे खेती से जुड़ी बुनियादी जरूरतों को पूरा कर सकें।

संसदीय समिति की सिफारिश क्यों नहीं मानी गई

एक संसदीय स्थायी समिति ने पहले सरकार को सुझाव दिया था कि बढ़ती महंगाई और कृषि लागत को देखते हुए PM Kisan की राशि 12,000 रुपये की जानी चाहिए। हालांकि सरकार ने स्पष्ट किया कि इस सिफारिश को अभी स्वीकार नहीं किया गया है।

सरकार का तर्क है कि फिलहाल योजना को और मजबूत बनाने, सही किसानों तक लाभ पहुंचाने और फर्जी लाभार्थियों को हटाने पर ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है।

किसान डेटाबेस मजबूत करने पर सरकार का फोकस

सरकार ने यह भी बताया कि उसकी वर्तमान प्राथमिकता लाभार्थियों की सही पहचान और सत्यापन है। इसी कड़ी में कुछ राज्यों में नए किसानों के लिए Farmer ID के जरिए पंजीकरण को अनिवार्य किया गया है। फिलहाल करीब 14 राज्यों में यह प्रक्रिया लागू की जा रही है।

इस कदम का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि योजना का लाभ सिर्फ वास्तविक और पात्र किसानों तक ही पहुंचे और किसी तरह की गड़बड़ी या दोहराव न हो।

अब तक कितने किसानों को मिला लाभ

PM Kisan योजना की शुरुआत से अब तक करोड़ों किसानों को इसका लाभ मिल चुका है। Direct Benefit Transfer के जरिए हजारों करोड़ रुपये सीधे किसानों के खातों में भेजे गए हैं। सरकार ने यह भी दोहराया है कि वह आगे भी समय पर किस्तों का भुगतान जारी रखेगी।

कई किसानों के लिए यह राशि भले ही बड़ी न लगे, लेकिन बुवाई, खाद या छोटी जरूरतों के समय यही रकम बड़ा सहारा बन जाती है।

आगे किसानों के लिए क्या मायने रखता है यह फैसला

फिलहाल किसानों को PM Kisan की राशि में किसी तत्काल बढ़ोतरी की उम्मीद नहीं करनी चाहिए। लेकिन योजना बंद नहीं हो रही है और न ही किस्तों में कोई कटौती की जा रही है। किसानों के लिए जरूरी है कि वे अपने दस्तावेज सही रखें, आधार लिंकिंग पूरी करें और जहां जरूरी हो वहां Farmer ID रजिस्ट्रेशन करा लें, ताकि भुगतान में कोई रुकावट न आए।

सरकार के रुख से साफ है कि भविष्य में बदलाव की संभावना से पूरी तरह इनकार नहीं किया गया है, लेकिन अभी कोई ठोस फैसला नहीं लिया गया है।

FAQs

क्या PM Kisan की राशि 12,000 रुपये हो गई है?
नहीं, सरकार ने स्पष्ट किया है कि अभी PM Kisan के तहत सालाना राशि 6,000 रुपये ही रहेगी।

PM Kisan की राशि कितनी किस्तों में मिलती है?
यह राशि तीन बराबर किस्तों में मिलती है और हर किस्त 2,000 रुपये की होती है।

क्या भविष्य में PM Kisan की राशि बढ़ सकती है?
अभी कोई स्वीकृत प्रस्ताव नहीं है, लेकिन भविष्य में नीति के अनुसार बदलाव संभव हो सकता है।

Farmer ID क्यों जरूरी की जा रही है?
Farmer ID से सही किसानों की पहचान होती है और फर्जी या दोहरे लाभ को रोका जा सकता है।

अगर दस्तावेज पूरे न हों तो क्या होगा?
दस्तावेज या आधार लिंकिंग पूरी न होने पर किस्त अटक सकती है।

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