Shrinkhala Khatiwada Instagram Followers: पूर्व मिस नेपाल और मॉडल श्रृंखला खतिवड़ा हाल ही में नेपाल में चल रहे जेन-जेड प्रोटेस्ट के बीच सोशल मीडिया पर बड़े विवाद में घिर गई हैं। इस आर्टिकल में हम बताएंगे कि क्यों लोग उन्हें “नेपो बेबी” कहकर ट्रोल कर रहे हैं, कैसे उनके इंस्टाग्राम फॉलोअर्स अचानक 1 लाख तक घट गए, नेपाल में चल रहे विरोध प्रदर्शनों का असली कारण क्या है और आखिर जनता का गुस्सा किस ओर बढ़ रहा है।
नेपाल में जेन-जेड प्रोटेस्ट और युवा आक्रोश
नेपाल में हाल ही में जेन-जेड प्रोटेस्ट उस वक्त भड़के जब सरकार ने अचानक सोशल मीडिया पर बैन लगा दिया। यह कदम युवाओं के लिए जैसे चिंगारी का काम साबित हुआ और हजारों लोग सड़कों पर उतर आए। देखते ही देखते हालात हिंसक हो गए, सरकारी इमारतों में आगजनी हुई और प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को इस्तीफा देना पड़ा। हालांकि इस्तीफे के बाद भी गुस्सा शांत नहीं हुआ और प्रदर्शन लगातार जारी हैं।

नेपो बेबी विवाद क्यों हुआ बड़ा मुद्दा
भले ही सोशल मीडिया बैन इस विरोध का तात्कालिक कारण था, लेकिन इसके पीछे की असली वजह वर्षों से पनप रहा गुस्सा है। नेपाल के युवा लंबे समय से नेताओं और उनके परिवारों की ऐशो-आराम भरी जिंदगी पर सवाल उठा रहे थे। “नेपो बेबी” यानी नेताओं और ताकतवर परिवारों के बच्चों को जनता के गुस्से का सामना करना पड़ रहा है। यही वजह है कि जनता का निशाना अब सिर्फ राजनीति नहीं बल्कि उनसे जुड़े चेहरों पर भी है।
That's huge and I appreciate it.
— Abhinav prakash (AP12) (@imabhi0012) September 10, 2025
Former Miss Nepal Shrinkhala Khatiwada has lost over 120,000 followers due to a recent backlash against the “nepo kid” trend. pic.twitter.com/EacxNYwq0m
श्रृंखला खतिवड़ा क्यों आईं निशाने पर
श्रृंखला खतिवड़ा पूर्व स्वास्थ्य मंत्री बिरोध खतिवड़ा की बेटी हैं। उनकी मां, मुनु सिग्देल खतिवड़ा, बागमती प्रदेश की संसद सदस्य हैं। इस वजह से उन्हें “नेपो बेबी” कहा जा रहा है। 2018 में मिस नेपाल वर्ल्ड का खिताब जीतने वाली श्रृंखला मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता में टॉप-12 तक पहुंची थीं। आज वे मॉडलिंग और सोशल मीडिया की दुनिया में एक बड़ा नाम हैं। लेकिन मौजूदा प्रदर्शन के दौरान उनकी चुप्पी ने जनता को और भड़का दिया।
इंस्टाग्राम पर घटते फॉलोअर्स
श्रृंखला खतिवड़ा के इंस्टाग्राम पर पहले 10 लाख से ज्यादा फॉलोअर्स थे। लेकिन सितंबर की शुरुआत से उनके फॉलोअर्स तेजी से गिरने लगे। 9 सितंबर को अकेले 97,000 से ज्यादा लोगों ने उन्हें अनफॉलो कर दिया। अब उनके फॉलोअर्स घटकर सिर्फ 9.09 लाख रह गए हैं। सोशल मीडिया यूज़र्स का कहना है कि जब 20 से ज्यादा युवा मारे गए तब भी उनकी चुप्पी बेहद निराशाजनक और दुखद है।
जनता का गुस्सा और आलोचनाएं
सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने उनकी आलोचना करते हुए लिखा कि शुरुआत में लगा गुस्सा कुछ ज्यादा है, लेकिन अब उनकी खामोशी बेहद शर्मनाक है। कुछ ने उन्हें पाखंडी भी कहा और आरोप लगाया कि वे भ्रष्टाचार के खिलाफ बोलते हुए खुद एक ऐसे परिवार से जुड़ी हैं, जिस पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं।
नेपाल की राजनीति और युवाओं का भविष्य
यह विवाद सिर्फ श्रृंखला खतिवड़ा तक सीमित नहीं है। असल मुद्दा नेपाल की राजनीति और वहां के युवाओं का भविष्य है। युवा अब यह साफ संदेश दे रहे हैं कि वे सिर्फ नेताओं ही नहीं, बल्कि उनसे जुड़े हर विशेषाधिकार प्राप्त चेहरे का विरोध करेंगे। नेपाल का यह आंदोलन एक नई सामाजिक और राजनीतिक चेतना का प्रतीक बनता जा रहा है
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